Sunday, June 12, 2016

ट्रेन में मिली प्यासी औरत नई हॉट कहानी

मेरा नाम राघव राज है, मैं पटना से हुं और दिल्ली में काम करता हुं । आपको अपनी असली stranger sex story सुनाना चाहता हुं जो एक हकीकत है। मुझे ट्रेन में मस्त सेक्सी औरत मिली जिसकी हर कोई लेने को तरस जायेगा..

ये घटना दरअसल दो साल पहले की है । मैं एक बार ऑफिस के काम से ईलाहाबाद ट्रेन से जा रहा था । खराब मौसम के कारण ट्रेन दो घंटे लेट थी। तो मेरा बर्थ साइड लोवर था । और मेरे ऊपर वाली बर्थ एक औरत ने ली थी । दे घंटे बाद ट्रेन चल पडी । दिन में उस औरत के साथ मेरा बर्थ में बैठ के बात करते-करते चल रहा था । मैंने उनके बारे में पूछा तो बोली व एक विधवा है और 8 साल पहले उसकी पति का स्वर्गवास हुआ था । व अपनी मायके आयी थी अभी घर जा रही है । उनकी पति सरकारी जॉब में थे और अब उन्हें उनकी जगह नौकरी मिल गयी है । उनके दो बच्चे हैँ, एक बेटा और एक बेटी, बेटा 16 साल का और बेटी 12 साल की, दोनों स्कूल जाते है ।
उनको देखके लगा उनकी एज 43/44 होगी, सीधी सादी सभ्य महिला । उनकी शरीर बहुत सेक्सी लग रही थी । ब्लाउज में से झांकती उनकी मोटी-मोटी चुचियां बहुत मस्त लग रही थी । बार-बार उनकी चुचियोँ की झलक देखके मुझे बहुत अच्छा लगा रहा था । पुरे रास्ते दोनों एक ही बर्थ में बैठ के बात करते-करते टाइम पास कर रहे थे । उन्होंने अपना नाम चांदनी शर्मा बताया तो मैँने भी उन्हेँ अपना नाम बता दिया । उन्होँने अपना फ़ोन नंबर मुझे दिया और मैंने भी अपना नंबर उनको
दिया ।
ईलाहाबाद पहुंच कर व बोली-
“मैं आप को फ़ोन करूंगी तो आप बात कर लेना । मेरा घर स्टेशन से लोकल ही दो स्टेशन बाद में ही है । आप आजाना एक दिन ।” बोलके व ईलाहाबाद में दुसरी लोकल ट्रेन में बैठ गयी । दो दिन बाद उनका फ़ोन आया और मुझे उनके घर आने के लिए रिक्वेस्ट कर रही थी । मैं भी घर में फ्री था तो मैं जाने के लिए हां कर दिया और नेक्स्ट डे शाम को चल दिया । उनके घर करीब 6 बजे पंहुचा और देखा की घर में कोई नहीँ तो मैंने पूछा-
“आप के बच्चे दिखाई नहीँ दे रहे, कहां हैँ ?”
तो व बोली-
“आज सुबह मेरे पति का भतीजा आया था, व बच्चोँ को अपने घर घुमाने ले गया ।”
बात करते करते 7 बज गए । मैं सोफे पर बैठा था व एकदम से मेरे पास आयी और मेरा हाथ पकड़ कर मुझसे उठने को कहा, मैं उठ गया तो उन्होंने एक रूम की तरफ इशारा करके बोली-
“आप वहां रूम में बैठो, में अभी आती हुं ।”
मैं उस रूम की तरफ बढ़ने लगा और तभी उन्होंने ने पहले रूम की लाइट ऑफ कर दी । मैं जिस रूम में पहुंचा व बेडरूम था, व भी 5 मिनट के बाद आ गयी । बेड पर दिवार से पीठ टिका कर आराम से बैठ गयी । मैं भी उसके साथ पैर फेलाकर बैठ गया ।
अब व मेरी तरफ देखके बोली-
“आप मुझे अच्छे लगे हैँ, मैं बहुत परेशान हुं । न जाने आप क्या सोचेंगे मेरे बारे मेँ जानकर, मुझे अकेलापन बर्दास्त नहीं हो रहा है । इसलिए मैँने आप को आने के लिए रिक्वेस्ट करके बच्चोँ को भेज दिया ।”
फिर मैँने उनका हाथ आपने हाथ में लेकर उसे चूमा तो उसकी आंख बंद हो गयी, सांसेँ तेज चलने लगी । मैँने बोला-
“चांदनीजी, आप एक विधवा हो, पर ईससे मुझे कोई ऐतराज नहीँ !”
“पर आपको मेरी असलियत के बारे मेँ मालुम……..।”
“क्या बके जा रहीँ हैँ आप! भला मुझे और क्या मतलब आपके बारे मेँ जानकर ।” मैँने उनकी मुंह से बात छिनते हुए बोला ।
फिर मैँने उन्हेँ गौर से देखा, उनका बदन इतना सेक्सी था की में बता नहीं सकता । चुचियां बड़े थे और पेट की चमड़ी मुड़ी हुई थी, जिसे देखकर मैँने उनकी बुर की गहराई का अंदाज लगा लिया । मांस से भरी हुयी जांघें साडी में से दिख रही थी । व सफ़ेद ब्लाउज पहनी हुई थी, उसमेँ से दूध का आकार साफ़ दिख रहा था । मैं हाथ चुमते हुए आगे बढ़ा और उनकी गर्दन से होते हुए उनकी होंठो पर आपने होंठ रख दिए । व सिहर उठी और अपनी आंख खोल कर मुझे देखा और झट से मुझसे लिपट गयी । व लम्बी-लम्बी सांसेँ ले रही थी ।
उन्होँने मुझे इतनी ताकत के साथ अपनी बांहों में लिया कि एक समय मेरी भी सांसेँ रुकने लगी । करीब 10 मिनट तक हम दोनों एक दुसरे के होंठ चूस रहे थे । फिर मैँने अपने होंठ उनके होंठो से अलग किये तो व जोर से हांफने लगी, मैँने अपने होंठ उनके गालोँ से रगड़ते हुए उनकी गर्दन पर उनकी कान पर चूमना शुरु कर दिया । व मचल उठी, फिर मैँने एक हाथ से उनके दूध को सहलाना शुरु किया तो उन्होँने एक हाथ मेरी गर्दन के पीछे डाल कर मेरा सर अपने सीने की तरफ खिंच लिया और बिस्तर पर लेट गयी । मैँने ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी दोनों दूध पर आपने होंठ फिराना चालू किया और एक हाथ से उनकी साडी पकड़ कर जांघो तक ऊपर कर दी ।
अब मैँ दूध से होते हुए पेट पर और उनकी नावेल को चूमने लगा, व आंख बंद किये हुए लेटी थी और अपने होंठ चबा रही थी । जोर-जोर से सांसेँ ले रही थी, फिर मैँने अपने होंठ साडी के ऊपर से ही उनकी चिकनी मोटी-मोटी जांघोँ पर लगा दिए और जोर-जोर से रगड़ने लगा । फिर मैँने उनकी जांघो को देखा तो देखता ही रह गया । व सबसे जयादा सेक्सी जांघों के कारण ही लग रही थी । क्या गदराई हुई जांघेँ थी उनकी । मैं तो देख कर मस्त हो गया । मैंने साडी को और ऊपर उठाई तो और हैरान रह गया, ऐसा लगा की उनकी शरीर से सेक्स फट कर बाहर आने को बेताब हो रहा था । उन्होँने ब्लू रंग की पेंटी पहनी हुई थी, मैंने उनकी जांघों को खूब चूसा फिर मैँने उनकी पैँटी के उपर से ही बुर पर जीभ चलाया तो मेरे होश ही उड गए । पैँटी के अंदर क्या है ? बुर है या फिर कुछ और ! फिर जैसे ही मैँने पैँटी के ईलास्टिक को एक और सरका दिया….एक लम्बा-मोटा लंड लहराते हुए बाहर आ गया ! मेरी तो धडकनेँ मानो बंद से हो गए । ये मैँ क्या देख रहा हुं । मैँने उनकी तरफ नजर घुमाई, व मुस्करा रही थी । क्या अजीब नजारा था । महिलाओँ के लंड ! एक बार मैँने इंटरनेट पर देखा था । पर चांदनी जैसे शादीशुदा औरत व भी दो-दो बच्चोँ की मां भी….. । मेरा पुरा बदन उत्तेजना के मारे कांप रहा था । मेरा लंड एकदम खडा हो गया ।
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रोमांचक नंगी चांदनी
तभी मैँने पैँटी को उनकी बदन से निकाल दिया, उन्होँने भी गांड उठा कर पैँटी निकालने मेँ साथ दिया । अब दो बडे-बडे अंडकोष भी बाहर आ गया, पुरे लंड और अंडे हल्के झांटोँ से भरे थे । मैं धीरे-धीरे चांदनीजी की लंड के ऊपर हाथ फिराने लगा और उनकी लंड पर बार-बार हाथ फेर कर उसे सहलाने लगा । मेरा लंड भी उत्तेजना मेँ ऑप-डाउन होने लगा था, बहुत अच्छा लग रहा था मोटे और लम्बे गरम लंड पर हाथ फिराने में । अपनी एक निप्पल को मुंह मेँ लेकर व बोली-
“कैसा लग रहा है राज, मेरी लंड पर हाथ फेरने में?”
मैं उनकी सवाल को सुनकर लंड से हाथ हटाना चाहा तो उन्होँने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी लंड पर दबा दी और बोली-
“तुम हाथ फेरते हो तो बहुत अच्छा लगता है, देखो न, तुम्हारे द्वारा हाथ फेरने से कितनी तन गयी है मेरी लंड । तुम्हेँ हैरानी बहुत हुई होगी न मेरी लंड देख कर ! पर क्या करुं पति के मरने से दो साल पहले ही अचानक मेरी शरीर इस तरह से बदल गयी ।”
“पर आप लोग कुछ किया क्युं नहीँ ?”
“क्या करते, शर्म और बदनामी के डर से हम पति-पत्नी चुप रहे । लंड दिन व दिन बढने लगा । साल भर मेँ ही लंड इतना बडा हो गया फिर मैँने सारी गरमी अपनी लंड पर महसुस करने लगी ।”
“कमाल है ! फिर आपने क्या किया ।”
“एक दिन पति के कहने पर मैँने मुठ मारी तो इतना मजा आया कि पुछो मत और फिर यह मेरी आदत बन गई । उसके बाद मेरी बदन मेँ अजीब सा नशा छाने लगा और मैँ पति की गांड मारनी शुरु कर दी ।”
“क्या !” उनकी बात सुनकर मुझे बडा झटका लगा ।
“हां राज, उसके बाद मुझे लंड से अजीब सा मजा आने लगा था और मैँ किसी भी किमत पर उसे गवांना नहीँ चाहती थी । और अब मैँ इस लंड के साथ ही मरना पसंद करुंगी । अगर तुम नहीँ चाहते तो यहीँ रोक देते हैँ ।”
“नहीँ चांदनीजी, सच पुछो तो आपकी ये रुप देख कर मुझ पर भी अजीब सा नशा छाने लगा है । क्या आपकी बच्चोँ को ये मालुम है ?”
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